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चुनौती: Sanofi का मानना है कि नैदानिक परीक्षणों में भाग लेने का अवसर सभी व्यक्तियों के पास होना चाहिए, विशेष रूप से उन विविध जनसमूहों के लोगों के पास जिन्हें नैदानिक शोध में अक्सर कम प्रतिनिधित्व मिलता है। Sanofi अपने नैदानिक शोध कार्यक्रमों में परीक्षण प्रतिभागी विविधता की भूमिका और महत्व को मान्यता देती है। नैदानिक परीक्षण विविधता के लिए हमारी प्रतिबद्धता उच्च नैतिक मानकों और मानदंडों पर आधारित है और हम पूरी दुनिया में जहाँ-जहाँ हमारे परीक्षण संचालित करते हैं वहाँ-वहाँ के संबंधित कानूनों और विनियमों का हम पालन करते हैं।
हम यह बात समझते हैं कि किसी व्यक्ति के किसी नैदानिक परीक्षण में भाग नहीं लेने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे भरोसे की कमी, कलंक/लांछन, संबंधित परीक्षण की जानकारी तक पहुँच का अभाव, वित्तीय बाधाएँ, अनचाहे परिणामों का डर, भौगोलिक स्थिति और संकीर्ण पात्रता मानदंड। साथ ही, लोगों को नैदानिक परीक्षणों में भाग लेने से रोकने में अन्य महत्वपूर्ण कारकों की भी भूमिका हो सकती है, जैसे स्वास्थ्य सेवा में असमानताएँ (जैसे, नृजातीयता, लिंग या अन्य कारकों पर आधारित असमानताएँ), सामाजिक-आर्थिक स्थिति और विभिन्न प्रकार के अवचेतन पूर्वाग्रह।
हम जानते हैं कि विविध समूह आवश्यक रूप से अलग-अलग आनुवंशिक या जैविक उप-जनसंख्या को परिभाषित नहीं करते हैं, लेकिन वे रोग की अभिव्यक्ति और उपचार प्रतिक्रिया में महत्वपूर्ण अंतर से जुड़े हो सकते हैं। समाज में बीमारी के घटित होने और उसकी व्यापकता में अंतरों, तथा इलाज प्रतिक्रियाओं में अंतरों के लिए व्यक्ति के जैविक और आनुवंशिक संघटन तथा अन्य कारकों, जैसे परिवेश, स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच, आहार और जीवनशैली, के बीच की जटिल अंतर्क्रियाओं को ज़िम्मेदार माना जा सकता है। जैसे-जैसे चिकित्सा विज्ञान आगे बढ़ रहा है और इन अंतरों की पहचान हो रही है तथा उन्हें बेहतर ढंग से समझा जा रहा है, वैसे-वैसे ये कारक सभी रोगियों हेतु नए इलाजों की सफलता के लिए अधिकाधिक महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं।
Sanofi का विज़न: Sanofi नैदानिक परीक्षणों में विविध जनसमूहों के व्यक्तियों की भर्ती की राह में मौजूद वर्तमान चुनौतियों के हल के लिए काम कर रही है, जैसे अधिक व्यापक प्रतिभागी पात्रता मानदंडों का उपयोग करना। हमारे नैदानिक अध्ययनों को इस प्रकार डिज़ाइन किया जाता है ताकि वे उस रोगी जनसमूह की पहचान कर सकें जिसे जांच संबंधी दवा से सर्वाधिक लाभ हो सकता है। इस दिसा में, हम प्रतिभागियों को अल्पसंख्यक स्थिति, लिंग, यौन झुकाव या आयु के आधार पर अपवर्जित नहीं करते हैं। साथ ही, हालाँकि सह-रुग्णताएँ परीक्षण प्रतिभागियों के लिए जोखिम बढ़ा सकती हैं, पर हम जहाँ भी हमारे लिए संभव हो वहाँ, सहरुग्णताओं से ग्रस्त रोगियों को अपवर्जित न करके हमारे परीक्षणों को अधिक समावेशी बनाते आ रहे हैं। हम अधिक विविध जनसंख्या घनत्व वाले समुदायों को शामिल करने के लिए परीक्षण साइटों का चयन बढ़ाने, और हमारे परीक्षणों में अल्पसंख्यक प्रतिभागिता को और बढ़ाने के लक्ष्य से अधिक विविध अन्वेषकों को शामिल करने, दोनों के लिए भी सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।
Sanofi का मानना है कि सामाजिक समता और मानव स्वास्थ्य, दोनों को बेहतर बनाने के लिए हमें भर्ती, नामांकन और प्रतिधारण की बाधाओं की पहचान करके, और विविध जनसमूहों के सहभागियों को प्रोत्साहित करने वाली रणनीतियाँ लागू करके, नैदानिक परीक्षणों में इन विविध जनसमूहों की प्रतिभागिता बढ़ाना जारी रखना चाहिए।
